पुस्तके प्रत्ययाधीतं नाऽधीतं गुरुसन्निधौ।
सभामध्ये न शोभन्ते जारगर्भा इव स्त्रिया।।१७.१।।
जिस पण्डित ने गुरु के पास न पढ़कर पुस्तक से ही विद्या प्राप्त कर ली है। ऐसे लोग सभा में नहीं शोभते , जैसे व्यभिचार से गर्भवती स्त्री।
सभामध्ये न शोभन्ते जारगर्भा इव स्त्रिया।।१७.१।।
जिस पण्डित ने गुरु के पास न पढ़कर पुस्तक से ही विद्या प्राप्त कर ली है। ऐसे लोग सभा में नहीं शोभते , जैसे व्यभिचार से गर्भवती स्त्री।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें