गुरुवार, 24 मार्च 2016

१२.१८ चार चीज़ें

 विनयं राजपुत्रेभ्यः पण्डितेभ्यः सुभाषितम्।
अनृतं द्यूतकारेभ्यः स्त्रीभ्यः शिक्षेत् कैतवम्।।१२.१८।।

मनुष्य को चाहिए कि , विनय ( तहजीब ) राजकुमारों से , अच्छी - अच्छी बातें पण्डितों से , झुठाई  जुआरियों से  और छल - कपट  स्त्रियों से सीखे।

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