विनयं राजपुत्रेभ्यः पण्डितेभ्यः सुभाषितम्।
अनृतं द्यूतकारेभ्यः स्त्रीभ्यः शिक्षेत् कैतवम्।।१२.१८।।
मनुष्य को चाहिए कि , विनय ( तहजीब ) राजकुमारों से , अच्छी - अच्छी बातें पण्डितों से , झुठाई जुआरियों से और छल - कपट स्त्रियों से सीखे।
अनृतं द्यूतकारेभ्यः स्त्रीभ्यः शिक्षेत् कैतवम्।।१२.१८।।
मनुष्य को चाहिए कि , विनय ( तहजीब ) राजकुमारों से , अच्छी - अच्छी बातें पण्डितों से , झुठाई जुआरियों से और छल - कपट स्त्रियों से सीखे।
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