हस्ती हस्तसहस्त्रेण शतहस्तेन वाजिनः।
शृङ्गिणां दशहस्तेन देशत्यागेन दुर्जनः।।७.७।।
और दुर्जन से देश त्याग कर बचना चाहिये।
शृङ्गिणां दशहस्तेन देशत्यागेन दुर्जनः।।७.७।।
- हजार हाथ की दूरी से हाथी से ,
- सौ हाथ की दूरी से घोड़ा से ,
- दस हाथ की दूरी से सिंगवाले जानवरों से
और दुर्जन से देश त्याग कर बचना चाहिये।