त्यज दुर्जनसंसर्गं भज साधुसमागमम्।
कुरु पुण्यमहोरात्रं स्मर नित्यमनित्यतः।।१४.१९।।
दुष्टों का साथ छोड़ दो , भले लोंगों के समागम में रहो , अपने दिन और रात को पवित्र करके बिताओ और इस अनित्य संसार में नित्य ईश्वर का स्मरण करते रहो।
कुरु पुण्यमहोरात्रं स्मर नित्यमनित्यतः।।१४.१९।।
दुष्टों का साथ छोड़ दो , भले लोंगों के समागम में रहो , अपने दिन और रात को पवित्र करके बिताओ और इस अनित्य संसार में नित्य ईश्वर का स्मरण करते रहो।