शुक्रवार, 25 मार्च 2016

१४.११ आग , पानी , मूर्ख , सर्प , नारी और राज परिवार

अग्निरापः स्त्रियो मूर्खाः सर्पो राजकुलानि च।
नित्यं यत्नेन सेव्यानि सद्यः प्राणहराणि षट्।।१४.११।।

आग , पानी , मूर्ख , सर्प , नारी  और राज परिवार इनकी यत्न के साथ आराधना करें।  क्योंकि ये सब तुरन्त प्राण लेने वाले जीव हैं।

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