अग्निरापः स्त्रियो मूर्खाः सर्पो राजकुलानि च।
नित्यं यत्नेन सेव्यानि सद्यः प्राणहराणि षट्।।१४.११।।
आग , पानी , मूर्ख , सर्प , नारी और राज परिवार इनकी यत्न के साथ आराधना करें। क्योंकि ये सब तुरन्त प्राण लेने वाले जीव हैं।
नित्यं यत्नेन सेव्यानि सद्यः प्राणहराणि षट्।।१४.११।।
आग , पानी , मूर्ख , सर्प , नारी और राज परिवार इनकी यत्न के साथ आराधना करें। क्योंकि ये सब तुरन्त प्राण लेने वाले जीव हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें