स जीवति गुणा यस्य यस्य धर्मः स जीवति।
गुण - धर्मविहीनस्य जीविं निष्प्रयोजनम्।।१४.१२।।
जो गुणी है , उसका जीवन सफल है या जो धर्मात्मा है , उसका जन्म सार्थक है। इसके विपरीत गुण और धर्म से विहीन जीवन निष्प्रयोजन है।
गुण - धर्मविहीनस्य जीविं निष्प्रयोजनम्।।१४.१२।।
जो गुणी है , उसका जीवन सफल है या जो धर्मात्मा है , उसका जन्म सार्थक है। इसके विपरीत गुण और धर्म से विहीन जीवन निष्प्रयोजन है।
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