शुक्रवार, 25 मार्च 2016

१३.१३ परमात्मज्ञान

देहाभिमानगलिते ज्ञानेन परमात्मनः।
यत्र यत्र मनो याति तत्र तत्र समाधयः।।१३.१३।।

परमात्मज्ञान से मनुष्य का जो देहाभिमान गल जाता है तो फिर जहाँ कहीं भी उसका मन जाता है तो उसके लिए सर्वत्र समाधि ही है।

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