शुक्रवार, 25 मार्च 2016

१४.१६ इन बातों को किसी से न जाहिर करें

सुसिद्धमौषधं धर्म गृहच्छिद्रं च मैथुनम्।
कुभुक्तं कुश्रुतं चैव मतिमान्न प्रकाशयेत्।।१४.१६।।

बुद्धिमान् को चाहिए कि , इन बातों को किसी से न जाहिर करें - अच्छी तरह तैयार की हुई औषधि , धर्म , अपने घर का दोष , मैथुन , दूषित भोजन और निंद्य किंवदन्ती वचन।

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