पृथिव्यां त्रीणि रत्नानि अन्नमापः सुभाषितम्।
मूढैः पाषाणखण्डेषु रत्नसंख्या विधीयते।।१३.२१।।
सच पूछो तो पृथ्वी भर में तीन ही रत्न हैं - अन्न , जल और मीठी -मीठी बातें। लेकिन बेवकूफ लोग पत्थर के टुकड़ों को ही रत्न मानते हैं।
मूढैः पाषाणखण्डेषु रत्नसंख्या विधीयते।।१३.२१।।
सच पूछो तो पृथ्वी भर में तीन ही रत्न हैं - अन्न , जल और मीठी -मीठी बातें। लेकिन बेवकूफ लोग पत्थर के टुकड़ों को ही रत्न मानते हैं।
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