आतुरे व्यसने प्राप्ते दुर्भिक्षे शत्रुसङ्कटे।
राजद्वारे श्मशाने च यस्तिष्ठति स बान्धवः।।१.१२।।
जो व्यक्ति इन स्थानों पर ठीक समय पर पहुँचता है वही बान्धव कहलाने का अधिकारी है
राजद्वारे श्मशाने च यस्तिष्ठति स बान्धवः।।१.१२।।
जो व्यक्ति इन स्थानों पर ठीक समय पर पहुँचता है वही बान्धव कहलाने का अधिकारी है
- बीमारी में,
- दुःख में,
- दुर्भिक्ष में,
- शत्रु द्वारा किसी प्रकार का सङ्कट उपस्थित होने पर,
- राजद्वार में और
- श्मशान पर।
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