सोमवार, 14 मार्च 2016

१.१२ वही बान्धव कहलाने का अधिकारी है

आतुरे व्यसने प्राप्ते दुर्भिक्षे शत्रुसङ्कटे।
राजद्वारे श्मशाने च यस्तिष्ठति स बान्धवः।।१.१२।।

जो व्यक्ति इन स्थानों पर ठीक समय पर पहुँचता है वही बान्धव कहलाने का अधिकारी है
  1. बीमारी में,
  2. दुःख में,
  3. दुर्भिक्ष में,
  4. शत्रु द्वारा किसी प्रकार का सङ्कट उपस्थित होने पर,
  5. राजद्वार में और 
  6. श्मशान पर।

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