यस्य पुत्रो वशीभूतो भार्या छन्दानुगामिनी।
विभवे यश्च सन्तुष्टस्तस्य स्वर्ग इहैव हि।।२.३।।
इन मनुष्यो के लिए धरती ही स्वर्ग है
विभवे यश्च सन्तुष्टस्तस्य स्वर्ग इहैव हि।।२.३।।
इन मनुष्यो के लिए धरती ही स्वर्ग है
- जिसका पुत्र अपने वश में हो
- स्त्री आज्ञाकारिणी हो
- जो प्राप्त धन से सन्तुष्ट हो।
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