गुरुवार, 17 मार्च 2016

५.१८ धन, वाणी, स्वर्ग और मोक्ष

अधना धनमिच्छन्ति वाचं चैव चतुष्पदाः।
मानवाः स्वर्गमिच्छन्ति मोक्षमिच्छन्ति देवताः।।५.१८।।

दरिद्र मनुष्य धन चाहते हैं।  चौपाये वाणी चाहते हैं।  मनुष्य स्वर्ग चाहते हैं और देवता लोग मोक्ष चाहते हैं।

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