गुरुवार, 17 मार्च 2016

५.२३ माता पाँच तरह की होती हैं

राजपत्नी गुरोः पत्नी मित्र -पत्नी तथैव च।
पत्नी -माता स्वमाता च पञ्चैत मातरः स्मृताः।।५.२३।।

उसी तरह माता भी पाँच ही तरह की होती हैं।  जैसे ,
१. राजा की पत्नी ,
२. गुरु की पत्नी ,
३. मित्र की पत्नी ,
४. अपनी स्त्री की माता और
५. अपनी खास माता।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें