लुब्धमर्थेन गृह्णीयात् स्तब्धमञ्जलिकर्मणा।
मूर्खं छन्दानुवृत्त्या च यथार्थत्वेन पण्डितम्।।६.१२।।
इनको इस तरह वश में करें
मूर्खं छन्दानुवृत्त्या च यथार्थत्वेन पण्डितम्।।६.१२।।
इनको इस तरह वश में करें
- लालची को धनसे ,
- घमण्डी को हाथ जोड़कर ,
- मुर्ख को उसके मनवाली करके और
- पण्डित को यथार्थ बात से।
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