गुरुवार, 17 मार्च 2016

६.११ ये मानव जाति के शत्रु हैं

ऋणकर्ता पिता शत्रुर्माता च व्यभिचारिणी।
भार्या रूपवती शत्रुः पुत्रः शत्रुरपण्डितः।।६.११।।

ये मानव जाति के शत्रु हैं
  1. ऋण करने वाला पिता ,
  2. व्यभिचारिणी माता ,
  3. रूपवती स्त्री और 
  4. मूर्ख पुत्र।  

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