गुरुवार, 17 मार्च 2016

५.८ अभ्यास और शील

अभ्यासाद्धार्यते विद्या कुलं शीलेन धार्यते।
गुणेन ज्ञायते त्वार्यः कोपो नेत्रेण गम्यते।।५.८।।

अभ्यास से विद्या की और शील से कुल की रक्षा होती है।
गुणों से मनुष्य को पहिचान जाता है , और
आँखें देखने से क्रोध का पता लग जाता है।

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