दरिद्र्यनाशनं दानं शीलं दुर्गतिनाशनम्।
अज्ञाननाशिनी प्रज्ञा भावना भयनाशिनी।।५.११।।
दान से दरिद्रता नष्ट होती है ,
शील दुरवस्था को नष्ट कर देती है ,
बुद्धि अज्ञानता को नष्ट कर देती है , और
विचार भय को नष्ट कर देता है।
अज्ञाननाशिनी प्रज्ञा भावना भयनाशिनी।।५.११।।
दान से दरिद्रता नष्ट होती है ,
शील दुरवस्था को नष्ट कर देती है ,
बुद्धि अज्ञानता को नष्ट कर देती है , और
विचार भय को नष्ट कर देता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें