गुरुवार, 17 मार्च 2016

५.११ नष्ट कर देता

दरिद्र्यनाशनं दानं शीलं दुर्गतिनाशनम्।
अज्ञाननाशिनी प्रज्ञा भावना भयनाशिनी।।५.११।।

दान से दरिद्रता नष्ट होती है ,
शील दुरवस्था को नष्ट कर देती है ,
बुद्धि अज्ञानता को नष्ट कर देती है , और
विचार भय को नष्ट कर देता है।

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