शुक्रवार, 25 मार्च 2016

१३.८ जैसा राजा वैसी प्रजा

राज्ञि धर्मिणि धर्मिष्ठाः पापे पापाः समे समाः।
राजानमनुवर्तन्ते यथा  राजा तथा प्रजाः।।१३.८।।

राजा अगर धर्मात्मा होता है तो उसकी प्रजा भी धर्मात्मा होती है , राजा पापी होता है तो उसकी प्रजा भी पापी होती है।  सम राजा होता है तो प्रजा भी सम ही होती है। कहने का भाव यह है कि सब राजा का ही अनुसरण करते हैं।  जैसा राजा होगा , उसकी प्रजा भी वैसी ही होगी।

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