आयुः कर्म च वित्तं विद्या निधनमेव च।
पञ्चैतानि च सृज्यन्ते गर्भस्थस्यैव देहिनः।।१३.४।।
आयु , कर्म , सम्पत्ति , विद्या और मरण ये पाँच बातें तभी तय हो जाती हैं , जब कि मनुष्य गर्भ में ही रहता है।
पञ्चैतानि च सृज्यन्ते गर्भस्थस्यैव देहिनः।।१३.४।।
आयु , कर्म , सम्पत्ति , विद्या और मरण ये पाँच बातें तभी तय हो जाती हैं , जब कि मनुष्य गर्भ में ही रहता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें