कर्मायत्तं फलं पुंसां बुद्धिः कर्मानुसारिणी।
तथाऽपि सुधियश्चार्याः सुविचार्यैव कुर्वते।।१३.१८।।
यद्यपि प्रत्येक मनुष्य को कर्मानुसार ही फल प्राप्त होता है और बुद्धि भी कर्मानुसार ही बनती है। फिर भी बुद्धिमान लोग अच्छी तरह समझ - बूझ कर ही कोई काम करते हैं।
तथाऽपि सुधियश्चार्याः सुविचार्यैव कुर्वते।।१३.१८।।
यद्यपि प्रत्येक मनुष्य को कर्मानुसार ही फल प्राप्त होता है और बुद्धि भी कर्मानुसार ही बनती है। फिर भी बुद्धिमान लोग अच्छी तरह समझ - बूझ कर ही कोई काम करते हैं।
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