धर्मार्थकाममोक्षणां यस्यैकोऽपि न विद्यते।
अजागलस्तनस्येव तस्य जन्म निरर्थकम्।।१३.१०।।
धर्म , अर्थ , काम और मोक्ष , इन चार पदार्थों में - से एक पदार्थ भी जिसके पास नहीं हैं , तो बकरी के गले में लटकनें वाले स्तनों के समान उसका जन्म ही निरर्थक है।
अजागलस्तनस्येव तस्य जन्म निरर्थकम्।।१३.१०।।
धर्म , अर्थ , काम और मोक्ष , इन चार पदार्थों में - से एक पदार्थ भी जिसके पास नहीं हैं , तो बकरी के गले में लटकनें वाले स्तनों के समान उसका जन्म ही निरर्थक है।
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