शुक्रवार, 25 मार्च 2016

१४.१८ धर्म , धन , अन्न , गुरु का वचन और औषधि

धर्मं धनं च धन्यं च गुरोर्वचनमौषधम्।
सुगृहीतं च कर्त्तव्यमन्यथा तु न जीवति।।१४.१८।।

धर्म , धन , अन्न , गुरु का वचन और औषधि इन वस्तुओं को सावधानी के साथ अपनावे और उनके अनुसार चले।  जो ऐसा नहीं करता , वह जीता नहीं है।

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