अनालोच्य व्ययं कर्ता अनाथः कलहप्रियः।
आतुरः सर्वक्षत्रेषु नरः शीघ्रं विनश्यति।।१२.१९।।
बिना समझे - बूझे खर्च करने वाला , अनाथ , झगड़ालू और सब तरह की स्त्रियों के लिए बेचैन रहने वाला मनुष्य देखते - देखते चौपट हो जाता है।
आतुरः सर्वक्षत्रेषु नरः शीघ्रं विनश्यति।।१२.१९।।
बिना समझे - बूझे खर्च करने वाला , अनाथ , झगड़ालू और सब तरह की स्त्रियों के लिए बेचैन रहने वाला मनुष्य देखते - देखते चौपट हो जाता है।
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