रविवार, 27 मार्च 2016

१६.१३ धन , जीवन , स्त्री और भोजन

धने जीवितव्येषु स्त्रीषु चाहारकर्मसु।
अतृप्ताः प्राणिनः सर्वे याता यास्यन्ति यान्ति च।।१३।।

धन , जीवन , स्त्री और भोजन इन चार चीजों से संसार के सभी प्राणी हमेशा अतृप्त रहे हैं।  सब इनसे अतृप्त होकर ही चले गये , चले जायेंगे और चले जा रहे हैं।

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