रविवार, 27 मार्च 2016

१६.१४ दान

क्षीयन्ते सर्वदानानि यज्ञ - होम - बलिक्रियाः।
न क्षीयन्ते पात्रदानमभयं यत्तु देहिनाम्।।१४।।

वैसे यज्ञ , होम  और बलिदान आदि दान समय बीतने पर नष्ट हो जाते हैं , पर सत्पात्र को दिया हुआ दान और सर्वसाधारण को दिया दान नष्ट नहीं होता।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें