रविवार, 27 मार्च 2016

१६.१५ याचक

तृणं लघु तृणात्तूलं तूलादपि च याचकः।
वायुना किं न नीतोऽसौ मामयं याचयिष्यति।।१५।।

सबसे हल्की चीज़ है तृण , तृण से भी हल्की है रूई , रूई से भी हल्का है याचक (माँगने वाला )। अब प्रश्न यह होता है कि , इतने हल्के जीव को वायु क्यों न उड़ा ले गया , तो कहते हैं कि , वायु नेउसे इसलिए नहीं उड़ाया कि , मेरे पास भी आकर कुछ माँग न बैठे। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें