तृणं लघु तृणात्तूलं तूलादपि च याचकः।
वायुना किं न नीतोऽसौ मामयं याचयिष्यति।।१५।।
सबसे हल्की चीज़ है तृण , तृण से भी हल्की है रूई , रूई से भी हल्का है याचक (माँगने वाला )। अब प्रश्न यह होता है कि , इतने हल्के जीव को वायु क्यों न उड़ा ले गया , तो कहते हैं कि , वायु नेउसे इसलिए नहीं उड़ाया कि , मेरे पास भी आकर कुछ माँग न बैठे।
वायुना किं न नीतोऽसौ मामयं याचयिष्यति।।१५।।
सबसे हल्की चीज़ है तृण , तृण से भी हल्की है रूई , रूई से भी हल्का है याचक (माँगने वाला )। अब प्रश्न यह होता है कि , इतने हल्के जीव को वायु क्यों न उड़ा ले गया , तो कहते हैं कि , वायु नेउसे इसलिए नहीं उड़ाया कि , मेरे पास भी आकर कुछ माँग न बैठे।
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