पत्युराज्ञां विना नारी उपोष्य व्रतचारिणी।
आयुष्यं हरते भुर्तः सा नारी नकरं व्रजेत्।।१७.९।।
जो स्त्री पति की आज्ञा के बिना व्रत या उपवास करती है तो वह अपने पति की आयु हरती है और अन्त में नरकगामिनी होती है।
आयुष्यं हरते भुर्तः सा नारी नकरं व्रजेत्।।१७.९।।
जो स्त्री पति की आज्ञा के बिना व्रत या उपवास करती है तो वह अपने पति की आयु हरती है और अन्त में नरकगामिनी होती है।
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