दरिद्रता धीरतया विराजते कुवस्त्रता शुभ्रतया विराजते।
कदन्नता चोष्णतया विराजते कुरूपता शीलतया विराजते।।९.१४।।
धैर्य से दरिद्रता को , सफाई से खराब वस्त्र की , गर्मी से कदन्न की और शील से कुरूपता भी सुन्दर लगती है।
कदन्नता चोष्णतया विराजते कुरूपता शीलतया विराजते।।९.१४।।
धैर्य से दरिद्रता को , सफाई से खराब वस्त्र की , गर्मी से कदन्न की और शील से कुरूपता भी सुन्दर लगती है।
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