रविवार, 20 मार्च 2016

८.१४ क्रोध, तृष्णा, विद्या और सन्तोष

क्रोधो वैवस्वतो राजा तृष्णा वैतरणी नदी।
विद्या कामदुघा धेनुः सन्तोषो नन्दनं वनम्।।८.१४।।

क्रोध यमराज है , तृष्णा वैतरणी नदी है , विद्या कामधेनु गौ है और सन्तोष नन्दन वन है।

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