रविवार, 20 मार्च 2016

८.२२ पृथ्वी पर बोझ

मांसभक्षैः सुरापानैः मूर्खैश्चाऽक्षरवर्जितैः।
पशुभिः पुरुषकारैर्भाराक्रान्ताऽस्ति मेदिनी।।२२।।

मांसाहारी , शराबी और निरक्षर मूर्ख इन मानवरूप धारी पशुओं से पृथ्वी मारे बोझ के दबी जा रही है।

 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें