मांसभक्षैः सुरापानैः मूर्खैश्चाऽक्षरवर्जितैः।
पशुभिः पुरुषकारैर्भाराक्रान्ताऽस्ति मेदिनी।।२२।।
मांसाहारी , शराबी और निरक्षर मूर्ख इन मानवरूप धारी पशुओं से पृथ्वी मारे बोझ के दबी जा रही है।
पशुभिः पुरुषकारैर्भाराक्रान्ताऽस्ति मेदिनी।।२२।।
मांसाहारी , शराबी और निरक्षर मूर्ख इन मानवरूप धारी पशुओं से पृथ्वी मारे बोझ के दबी जा रही है।
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