रविवार, 20 मार्च 2016

८.१७ ये पवित्र माने गये हैं।

शुद्धं भूमिगतं तोयं शुद्धा नारी पतिव्रता।
शुचिः क्षेमकरो राजा सन्तोषी ब्राह्मणः शुचिः।।८.१७।।

जमीन पर पहुँचा पानी , पतिव्रता स्त्री, प्रजा का कल्याण करने वाला राजा और सन्तोषी ब्राह्मण - ये पवित्र माने गये हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें