रविवार, 20 मार्च 2016

८.१५ गुण , शील , सिद्धि और भोग

गुणो भूषयते रूपं शीलं भूषयते कुलम्।
सिद्धिर्भूषयते विद्यां भोगो भूषयते धनम्।।८.१५।।

गुण रूप का श्रृङ्गार है , शील कुलका भूषण है , सिद्धि विद्या का अलंकार है और भोग धन का आभूषण है।

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