सोमवार, 21 मार्च 2016

१०.९ बुद्धि

यस्य नास्ति स्वयं प्रज्ञा शास्त्रं तस्य करोति किम्।
लोचनाभ्यां विहीनस्य दर्पणः किं करिष्यति।।१०.९।।

जिसके पास स्वयं बुद्धि नहीं है , उसे क्या शास्त्र सिखा देगा ?
जिसकी दोनों आँखें फूट गई हों , क्या उसे शीशा दिखा देगा ?

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