लाक्षादितैलनीलानां कौसुम्भमधुसर्पिषाम्।
विक्रेता मद्यमांसानां स विप्रः शूद्र उच्यते।।११.१४।।
जो लाख , तेल , नील , कूसुम , शहद , घी , मदिरा और मांस बेचता है , उस ब्राह्मण को शूद्र ब्राह्मण कहते हैं।
विक्रेता मद्यमांसानां स विप्रः शूद्र उच्यते।।११.१४।।
जो लाख , तेल , नील , कूसुम , शहद , घी , मदिरा और मांस बेचता है , उस ब्राह्मण को शूद्र ब्राह्मण कहते हैं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें