बापी - कूप - तडागानामारामसुरवेश्मनाम्।
उच्छेदने निराशङ्कः विप्रो म्लेच्छ उच्यते।।११.१६।।
जो बावली , कुआँ , तालाब , बगीचा और देवमन्दिर को नष्ट करने में नहीं हिचकता , ऐसे ब्राह्मण को ब्राह्मण न कहकर म्लेच्छ कहा जाता है।
उच्छेदने निराशङ्कः विप्रो म्लेच्छ उच्यते।।११.१६।।
जो बावली , कुआँ , तालाब , बगीचा और देवमन्दिर को नष्ट करने में नहीं हिचकता , ऐसे ब्राह्मण को ब्राह्मण न कहकर म्लेच्छ कहा जाता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें