सोमवार, 21 मार्च 2016

११.१६ ब्राह्मण और म्लेच्छ

बापी - कूप - तडागानामारामसुरवेश्मनाम्।
उच्छेदने निराशङ्कः विप्रो म्लेच्छ उच्यते।।११.१६।।

जो बावली , कुआँ , तालाब , बगीचा और देवमन्दिर को नष्ट करने में नहीं हिचकता , ऐसे ब्राह्मण को ब्राह्मण न कहकर म्लेच्छ कहा जाता है।

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