सोमवार, 21 मार्च 2016

१०.११ ब्राह्मण से द्वेष

आत्पद्वेषाद् भवेन्मृत्युः परद्वेषाद् धनक्षयः।
राजद्वेषाद् भवेन्नाशो ब्रह्मद्वेषात कुलक्षयः।।१०.११।।

बड़े - बूढ़ों से द्वेष करने पर मृत्यु होती है।  शत्रु से द्वेष करने पर धन का नाश होता है।  राजा से द्वेष करने पर सर्वनाश हो जाता है और ब्राह्मण से द्वेष करने पर कुल का ही क्षय हो जाता है।

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