शाकेन रोगा वर्द्धन्ते पयसो वर्द्धते तनुः।
घृतेन वर्द्धते वीर्यं मांसान्मांसं प्रवर्द्धते।।१०.२०।।
शाक से रोग , दूध से शरीर , घी से वीर्य और मांस से मांस की वृद्धि होती है।
घृतेन वर्द्धते वीर्यं मांसान्मांसं प्रवर्द्धते।।१०.२०।।
शाक से रोग , दूध से शरीर , घी से वीर्य और मांस से मांस की वृद्धि होती है।
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