सोमवार, 21 मार्च 2016

१०.८ अन्तरात्मा में तत्व

अन्तःसारविहीनानामुपदेशो न जायते।
मलयाचलसंसर्गान्न वेणुश्चन्दनायते।।१०.८।।

जिनकी अन्तरात्मा में कुछ तत्व नहीं होता ऐसे मनुष्यों को किसी का उपदेश कुछ भी असर नहीं करता।  मलयाचल के संसर्ग से और वृक्ष चन्दन हो जाते हैं , पर बाँस चन्दन नहीं होता।

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