अन्तःसारविहीनानामुपदेशो न जायते।
मलयाचलसंसर्गान्न वेणुश्चन्दनायते।।१०.८।।
जिनकी अन्तरात्मा में कुछ तत्व नहीं होता ऐसे मनुष्यों को किसी का उपदेश कुछ भी असर नहीं करता। मलयाचल के संसर्ग से और वृक्ष चन्दन हो जाते हैं , पर बाँस चन्दन नहीं होता।
मलयाचलसंसर्गान्न वेणुश्चन्दनायते।।१०.८।।
जिनकी अन्तरात्मा में कुछ तत्व नहीं होता ऐसे मनुष्यों को किसी का उपदेश कुछ भी असर नहीं करता। मलयाचल के संसर्ग से और वृक्ष चन्दन हो जाते हैं , पर बाँस चन्दन नहीं होता।
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