नदीतीरे च ये वृक्षाः परगेहेषु कामिनी।
मन्त्रिहीनाश्च राजानः शीघ्रं नश्यन्त्यसंशयम्।।२.१५।।
ये शीघ्र ही नष्ट हो जाते हैं
मन्त्रिहीनाश्च राजानः शीघ्रं नश्यन्त्यसंशयम्।।२.१५।।
ये शीघ्र ही नष्ट हो जाते हैं
- नदी के तट पर लगे वृक्ष ,
- पराये घर रहने वाली स्त्री ,
- बिना मंत्री का राजा।
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