मंगलवार, 15 मार्च 2016

२.१८ कार्य समाप्त होने पर

गृहीत्वा दक्षिणां विप्रास्त्यजन्ति यजमानकम्।
प्राप्तविद्यागुरुः शिष्यो दग्धारण्यं मृगास्तथा।।२.१८।।

ये तीनों कार्य समाप्त होने पर
  1. ब्राह्मण दक्षिणा लेकर यजमान को 
  2. विद्या प्राप्त कर लेने के बाद विद्यार्थी गुरु को 
  3. जले जंगल को बनैले जीव।
छोड़ देते हैं। 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें