मंगलवार, 15 मार्च 2016

३.९ क्षमाशक्त्ति

कोकिलानां स्वरो रूपं नारी रूपं पतिव्रतम्।
विद्यारूपं कुरूपाणां क्षमा रूपं तपस्विनाम्।।३.९।।

कोयल का सौन्दर्य है उसकी बोली,स्त्री का सौन्दर्य है उसका पतिव्रता । कुरूप का सौन्दर्य है उसकी विद्या और तपस्वियों का सौन्दर्य है उनकी क्षमाशक्त्ति। 

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