धर्मार्थकाममोक्षेषु यस्यैकोऽपि न विद्यते।
जन्म -जन्मनि मर्त्येषु मरणं तस्य केवलम्।।३.२०।।
धर्म , अर्थ , काम और मोक्ष इन चार पदार्थों में -से एक पदार्थ भी जिसको सिद्ध नहीं हो सका ,ऐसे मनुष्य का मर्त्यलोक में बार - बार जन्म केवल मरने के लिए होता है। और किसी काम के लिए नहीं।
जन्म -जन्मनि मर्त्येषु मरणं तस्य केवलम्।।३.२०।।
धर्म , अर्थ , काम और मोक्ष इन चार पदार्थों में -से एक पदार्थ भी जिसको सिद्ध नहीं हो सका ,ऐसे मनुष्य का मर्त्यलोक में बार - बार जन्म केवल मरने के लिए होता है। और किसी काम के लिए नहीं।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें