रूपयौवनसम्पन्ना विशालकुलसम्भवाः।
विद्याहीना न शोभन्ते निर्गन्धा इव किंशुकाः।।३.८।।
रूप यौवन से सम्पन्न , विशाल कुल में जन्मा विद्याविहीन उसी प्रकार अच्छा नहीं लगता जिस प्रकार सुगन्ध रहित पलास का फूल।
विद्याहीना न शोभन्ते निर्गन्धा इव किंशुकाः।।३.८।।
रूप यौवन से सम्पन्न , विशाल कुल में जन्मा विद्याविहीन उसी प्रकार अच्छा नहीं लगता जिस प्रकार सुगन्ध रहित पलास का फूल।
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