मंगलवार, 15 मार्च 2016

३.८ अच्छा नहीं लगता

रूपयौवनसम्पन्ना विशालकुलसम्भवाः।
विद्याहीना न शोभन्ते निर्गन्धा इव किंशुकाः।।३.८।।

रूप यौवन से सम्पन्न , विशाल कुल में जन्मा विद्याविहीन उसी प्रकार अच्छा नहीं लगता जिस प्रकार सुगन्ध रहित पलास का फूल।

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