मंगलवार, 15 मार्च 2016

२.२० ये सब चीज़े भली लगती है

समाने शोभते प्रीतिः राज्ञि सेवा च शोभते।
वाणिज्यं व्यवहारेषु स्त्री दिव्या शोभते गृहे।।२.२०।।

ये सब चीज़े भली लगती है
  1. बराबर वालों के साथ मित्रता 
  2. राजा की सेवा 
  3. व्यवहार में बनियापन 
  4. घर के अन्दर स्त्री।

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