निर्द्धनं पुरुषं वेश्या प्रजा भग्नं नृपं त्यजेत्।
खगा वीतफलं वृक्षं भुक्त्वा चाभ्यागतो गृहम्।।२.१७।।
कुछ तरह के मनुष्य कार्य समाप्त होने पर दिये गए लोगों को त्याग देते हैं
खगा वीतफलं वृक्षं भुक्त्वा चाभ्यागतो गृहम्।।२.१७।।
कुछ तरह के मनुष्य कार्य समाप्त होने पर दिये गए लोगों को त्याग देते हैं
- धनविहीन पुरुष को वेश्या
- शक्तिहीन राजा को प्रजा
- जिसका फल झड़ गया हो ऐसे वृक्ष को पक्षी
- भोजन कर लेने पर अतिथि घर को।
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