मंगलवार, 15 मार्च 2016

२.१९ बहुत शीघ्र विनाश हो जाता है

दुराचारी दूरादृष्टिर्दुरावासी च दुर्जनः।
यन्मैत्री क्रियते पुम्भिर्नरः शीघ्रं विनश्यति।।२.१९।।

इन तीन प्रकार के मनुष्यों से जो मनुष्य मित्रता करता है, उसका बहुत शीघ्र विनाश हो जाता है। ये तीन प्रकार के मनुष्य हैं
  1. दुराचारी,
  2. व्यभिचारी,
  3. दूषित स्थान के निवासी।

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