मंगलवार, 15 मार्च 2016

२.८ कष्टों से बढ़कर कष्ट

कष्टं च खलु मूर्खत्वं कष्टं च खलु यौवनम्।
कष्टात् कष्टतरं चैव परगेहे निवासनम्।।२.८।।

पहला कष्ट तो मुर्ख होना है, दूसरा कष्ट है जवानी और सब कष्टों से बढ़कर कष्ट है, पराये घर में रहना।

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