कष्टं च खलु मूर्खत्वं कष्टं च खलु यौवनम्।
कष्टात् कष्टतरं चैव परगेहे निवासनम्।।२.८।।
पहला कष्ट तो मुर्ख होना है, दूसरा कष्ट है जवानी और सब कष्टों से बढ़कर कष्ट है, पराये घर में रहना।
कष्टात् कष्टतरं चैव परगेहे निवासनम्।।२.८।।
पहला कष्ट तो मुर्ख होना है, दूसरा कष्ट है जवानी और सब कष्टों से बढ़कर कष्ट है, पराये घर में रहना।
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