मंगलवार, 15 मार्च 2016

३.१ दोष, पीड़ित और सुखी

कस्य दोषः कुले नास्ति व्याधिना केन पीडिताः।
व्यसनं केन संप्राप्तं कस्य सौख्यं निरन्तरम्।।३.१।।

किसके कुल में दोष नहीं है ?
कौन रोग से पीड़ित नहीं है ?
कौन सा ऐसा प्राणी है जो निरन्तर सुखी है ?
 

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