मंगलवार, 15 मार्च 2016

३.१२ किसी बात में 'अति' न करें

अतिरूपेण वै सीता अतिगर्वेण रावणः।
अतिदानाद् बलिर्बद्धो  ह्यति सर्वत्र वर्जयेत्।।३.१२।।

अतिशय रूपवती होने के कारण सीता हरी गयीं।  अतिशय गर्व होने से रावण का नाश हुआ।  अतिशय दानी होने के कारण बलि को बँधना पड़ा। इसलिये लोगों को चाहिये कि किसी बात में 'अति' न करें। 

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