मंगलवार, 15 मार्च 2016

२.१२ ताड़ना अधिक दे

लालनाद् बहवो दोषास्ताडनात् बहवो गुणाः।
तस्मात् पुत्रं च शिष्यं च ताडयेन्न तु लालयेत्।।२.१२।।

बच्चों को दुलार करने में दोष है और ताड़न करने में बहुत से गुण हैं।  इसलिए पुत्र और शिष्य को ताड़ना अधिक दे, दुलार न करें।

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