लालनाद् बहवो दोषास्ताडनात् बहवो गुणाः।
तस्मात् पुत्रं च शिष्यं च ताडयेन्न तु लालयेत्।।२.१२।।
बच्चों को दुलार करने में दोष है और ताड़न करने में बहुत से गुण हैं। इसलिए पुत्र और शिष्य को ताड़ना अधिक दे, दुलार न करें।
तस्मात् पुत्रं च शिष्यं च ताडयेन्न तु लालयेत्।।२.१२।।
बच्चों को दुलार करने में दोष है और ताड़न करने में बहुत से गुण हैं। इसलिए पुत्र और शिष्य को ताड़ना अधिक दे, दुलार न करें।
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